सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्रसिद्धिंकुरुष्व मे।।
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत् ।
देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
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दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः
श्रृणु देवि ! प्रवक्ष्यामि, कुंजिका स्तोत्रमुत्तमम्।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ॥ ५ ॥
नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि।
समय का अभाव है तो check here नवरात्रि के नौ दिनों में सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ कर देवी की उपासना की जा सकती है. इससे पूजा और व्रत का अक्षय पुण्य प्राप्त होगा.
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